Hindi Matra – हिंदी मात्रा

मात्राएँ व्यंजन की नहीं होती है केवल स्वर की होती है। व्यंजनों में जब तक कोई स्वर नहीं मिला होता है तब तक उसके नीचे हलत् का चिन्ह लगा होता है।

जब व्यंजन में कोई स्वर मिल जाता है तो व्यजंन अक्षर को हम मिले हुए स्वर की ध्वनि के साथ उच्चारण करते हैं जैसे (क्+आ = का), (क्+उ = कु), (ग्+ई = गी)।

अ से अः तक मात्रा वाले शब्द – A Se Ah Tak Ki Matra Wale Shabd

प्रारंभिक कक्षाओ में बच्चों को अ से अः तक की मात्रा वाले शब्दों का अध्ययन करवाया जाता है। अगर आप लिखते समय शब्दों में गलत मात्रा लगा देते हैं तो उसका अर्थ बदल जाएगा। इसलिए आपको अ से अः तक की मात्रा वाले शब्द सीखना चाहिए।

नीचे हमने एक टेबल में अ से अः तक की मात्रा वाले शब्द PDF को शामिल किया है। आप जिस भी मात्रा के शब्दों को पढना चाहते हैं उस लिक पर क्लिक कर सकते हैं।

अ की मात्रा वाले शब्दओ की मात्रा वाले शब्द
आ की मात्रा वाले शब्दऔ की मात्रा वाले शब्द
छोटी इ की मात्रा वाले शब्दअं की मात्रा वाले शब्द
बड़ी ई की मात्रा वाले शब्दअः की मात्रा वाले शब्द
छोटे उ की मात्रा वाले शब्दबिना मात्रा वाले शब्द
बड़े ऊ की मात्रा वाले शब्ददो अक्षर वाले शब्द
ए की मात्रा वाले शब्दतीन अक्षर वाले शब्द
ऐ की मात्रा वाले शब्दचार अक्षर वाले शब्द
ऋ की मात्रा वाले शब्दपाँच अक्षर वाले शब्द

हिंदी मात्रा क्या है – What is Hindi Matra

जिन वर्णों का उच्चारण करने के लिए किसी अन्य वर्ण की आवश्यकता नहीं पड़ती है उन्हें स्वर कहते हैं। स्वर को स्वतंत्र रूप से जाता है। हिंदी में 11 स्वर (vowels) और 36 व्यंजन (consonants) होते है।

मात्रायें स्वर का ही एक रूप होती है और इन मात्राओं की संख्या ग्यारह (11) होती है। ‘अ’ स्वर को उदासीन स्वर कहलाता है और इसकी कोई मात्रा नही होती है।

Hindi Matra

हिंदी मात्रा के भेद

उच्चारण के आधार पर मात्रा को तीन भागो में बाटा गया है ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत।

  1. ह्रस्व – ऐसे स्वर जिनका उच्चारण करने में कम समय लगता है,उन्हे ह्रस्व स्वर कहते है जैसे – अ, इ, उ, ए, ओ।
  2. दीर्घ – ऐसे स्वर जिनका उच्चारण करने में ह्रस्व से दुगना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते है जैसे आ, ई, ऊ, ऐ, औ ।
  3. प्लुत – प्लुत स्वर का उच्चारण करने में ह्रस्व से तीन गुना समय लगता है। प्लुत का प्रयोग संस्कृत भाषा में मंत्रों का उच्चारण करने के लिए किया जाता है। जिस स्वर को प्लुत के रूप में उच्चारण किया जाता है उसके आगे अंक ३ लगाया जाता हैं जैसे- ओ३म,हे शगुना३ काकी३ इत्यादि।

तो चलिए अब जानते हैं कि स्वरों की मात्राये कौन-कौन सी होती हैं।

स्वरमात्रा
उदासीन
ि
अंां
अ:ाः

FAQs – Hindi Matra

Q.1 हिंदी मात्रा क्या है?

मात्रा एक प्रकार का चिह्न होता है जिसका इस्तेमाल स्वरों के उच्चारण के साथ होता है। व्यंजनों की कोई मात्रा नहीं होती हैं। व्यंजन को स्वर के साथ उच्चारण किया जाता हैं।

Q.2 मात्रा कितने प्रकार की होती हैं?

मात्रा तीन प्रकार की होती है ह्रस्व ,दीर्घ, और प्लुत। लेकिन हिंदी में मात्राएँ दो प्रकार की इस्तेमाल होती है ह्रस्व और दीर्घ। प्लुत का इस्तेमाल संकृत में किया जाता है।

Q.3 हिंदी वर्णमाला में कितनी मात्राएँ होती हैं?

हिंदी में स्वरों की संख्या 11 होती हैं लेकिन मात्राएँ केवल 10 होती हैं। अ स्वर उदासीन होता है जिसकी कोई मात्रा नहीं है।

इस ब्लॉग पर आप विभिन्न विषयों पर हिंदी निबंध पढ़ सकते हैं जो अक्सर स्कूलों और कॉलेज के क्षत्रों से पूछे जाते है। इस ब्लॉग पर हमने सभी निबंधों को व्यवस्थित ढंग से संग्रह किया है। यहाँ पर लिखे गए निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और स्नातक के विद्यार्थियों और शिक्षक के लिए महत्वपूर्ण है।

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निबंध क्या है – What is Essay in Hindi

निबंध दो शब्दों से मिलकर बना है ‘नि+बंध’ जिसका अर्थ होता है अच्छी तरह से बँधा हुआ या एक दूसरे से मिलता जुलता होना। निबंध गद्य रचना को कहते हैं जिसमें किसी विषय वस्तु पर सटीक नियमित और सुन्दर शब्दों वर्णन किया गया हो।

निबंध के माध्यम से लेखक उस विषय वस्तु के बारे में अपने विचार-विमर्ष बड़े सुव्यवस्थित ढंग से व्यक्त करने की कोशिश करता है। निबंध में लेखक वही बातें लिखता है जो उस विषय से सम्बंधित होती है।

त्योहारों पर निबंधखेल पर निबंधसामाजिक मुद्दों पर निबंध
दशहरा पर निबंधफुटबॉल पर निबंधआपदा प्रबंधन पर निबंध
होली पर निबंधबैडमिंटन पर निबंधमहंगाई पर निबंध
दीपावली पर निबंधक्रिकेट पर निबंधबेरोजगारी पर निबंध
रक्षाबंधन पर निबंधहॉकी पर निबंधहर घर तिरंगा पर निबंध
स्वतंत्रता दिवस पर निबंधकबड्डी पर निबंधअग्निपथ योजना पर निबंध
गणतंत्र दिवस पर निबंधमेरा प्रिय खेल पर निबंधराष्ट्रीय एकता पर निबंध

आचार्य शुक्ल के अनुसार निबंध की परिभाषा “यदि गद्य कवियों को कसौटी है, तो निबंध गद्य की।’’

पं.श्यामसुंदर दास निबंध की परिभाषा-’’निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तारपूर्वक और पाण्डित्यपूर्व ढंग से विचार किया गया हो।’’

निबंध कितने प्रकार के होते हैं – Types of Essay in Hindi

निबंध मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है-

1.) वर्णात्मक निबंध : इस प्रकार के निबंधों में किसी सजीव या निर्जीव पदार्थ का वर्णन किया जाता है जैसे स्थानों, वस्तु, व्यक्ति, त्योहारों आदि का वर्णन किया जाता है।

2.) विवरणात्मक निबंध : जब किसी ऐतिहासिक, पौराणिक या आकस्मिक घटना का वर्णन किया जाता है तो उसे विवरणात्मक निबंध कहते है जैसे रेल यात्रा, विद्यालय का वार्षिकोत्सव।

3.) विचारात्मक निबंध:- जब किसी गुण, दोष, धर्म का वर्णन किया जाता है तो उसे विचारात्मक निबंध कहते है जैसे जैसे दूरदर्शन और शिक्षा, मित्रता, विज्ञान के लाभ और हानि आदि।

4.) भावनात्मक निबंध :- इस प्रकार के निबंधों में भाव की प्रधानता होती है जैसे परोपकार, सदाचार, देश प्रेम और राष्ट्रभाषा आदि विषयों के निबंध लिखे जाते हैं।

अच्छे निबंध की विशेषताएं – Characteristics of Essay in Hindi

एक अच्छे निबंध की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  • निबंध विषय के अनुरूप होनी चाहिए।
  • निबंध में विचारों की तत्परता होनी चाहिए।
  • निबंध में विषय से सम्बंधित सभी पहलु पर वर्णन होना चाहिए।
  • निबंध में बदलते हुए विषय के अनुसार पैराग्राफ भी बदलने चाहिए।
  • निबंध में विचार और लिखावट दोनों में एक अच्छी कसावट होना चाहिए।
  • सभी विराम चिन्हों का समुचित प्रयोग होना चाहिए है।
  • विचारों में एक क्रमबद्ध श्रंखला होनी चाहिए।