राष्ट्रीय एकता पर निबंध – भारत धर्म प्रधान देश है यहाँ सभी धर्मो के लोग हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि शांती पूर्ण और भाईचारे के साथ रहते हैं। सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से यहाँ पर रहने वाले लोगो का खान-पान, वेशभूषा, भाषा में अनेक विविधता है। बावजूद इसके भारत में प्राचीन काल से ही देश प्रेम, एकता और भाईचारे की भावना सभी लोगो के दिल में है।
भारत में राष्ट्रीय एकता का बड़ा योगदान है। जब भी कोई ने राष्ट्रीय एकता को तोड़ने का प्रयास करता है। हर भारतीय एक जुट होकर उसका डटकर मुकाबला करते हैं। हमारी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और वैचारिक भावना में विविधता हो सकती है लेकिन अनेकता में एकता भारत की प्रमुख विशेषता है।
राष्ट्रीय एकता को बनाने में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व होता है। सभी को अपने बच्चों को शुरू से ही सभी वर्ग के धर्म, भाषा और जातियों का सम्मान करने की शिक्षा देनी चाहिए। हम सभी को अलगाववादी भावना के स्थान पर राष्ट्रीय भावना को अपनाना चाहिए जिससे अनेकता होते हुए भी एकता की भावना जागृत होगी। हम सब अलग-अलग धर्म, जाति, भाषाओं और संस्कृतियों के होते हुए भी एक सूत्र में बंधे हुए हैं जिसका नाम है राष्ट्रीय एकता। राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी नागरिक के दिल में देश प्रेम की भावना होना चाहिए।
राष्ट्रीय एकता का अर्थ क्या है?
राष्ट्रीय एकता का अर्थ होता है राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना होना। राष्ट्रीय एकता एक राष्ट्र में रहने वाले लोगो को एकता के सूत्र में बाधती है जिसमे घर्म, जाति, भाषा, संस्कृत और मतभेद को भूलकर अपने को एक समझते हैं। राष्ट्रीय एकता की भावना होने से व्यक्ति केवल अपने हित के बारे में नहीं सोचता है बल्कि अपने साथ-साथ समाज और राष्ट्र के हितों के बारे में सोचता है।
भारत में राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए लोगों के बीच में अभियान चलाया जाता है। यह अभियान हर साल 19 से 25 नवंबर तक राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में मनाया जाता है। 19 नवंबर को भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का जन्म दिवस आता है और इसी दिन विशेष कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकता तथा शिक्षा
देश में राष्ट्रीय एकता भावना जागृत करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। शिक्षा के द्वारा हम देश के सभी नागरिकों में देश प्रेम, प्रेरणाएं और अन्य गुण उत्पन्न कर सकते हैं। देश में जो असामाजिक और विघटनकरी तत्व फैले हुए है जो लगातार देश को तोड़ने और राष्ट्रीय एकता में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। उनका अंत करने के लिए शिक्षा बहुत आवस्यक है।
राष्ट्रीयता के समर्थकों का कहना है कि राष्ट्र में के लिए व्यक्ति है, व्यक्ति के लिए राष्ट्र नहीं। और यह कथन सत्य है इसलिए हमारे देश की शिक्षा प्रणाली ऐसी होनी चाहिए जिससे व्यक्ति राष्ट्रीय प्रेम से जागृत हो। देश के नागरिकों में राष्ट्र के प्रति प्रेम, नियमो का पालन करना, अनुशासन, आत्मत्याग, कर्तव्य पालन, बलिदान आदि की भावनाओं को उजागर करने में शिक्षा का महत्त्व होता है।
एक प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण करने और उत्थान के लिए देश के नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना होना बहुत आवश्यक है और इसके लिए शिक्षा का प्रमुख योगदान लेता है। स्पार्टा, जर्मनी, इटली, जापान और रूस इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है। जब नाजियों ने जर्मनी में, फासिस्ट्स ने इटली में शिक्षा द्वारा लोगो में राष्ट्रीय एकता की भावना से ओत-प्रोत कर दिया था। आज के समय में रूस और चीन भी शिक्षा के द्वारा लोगो में राष्ट्रभाव की भावना का जागृत कर रहे हैं।
राष्ट्र चाहे वे साम्यवादी हों, प्रजातन्त्रीय हों या तानाशाही हो, सभी देश अपने राष्ट्र का विकास करने के लिए अपने-अपने देश में शिक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं। शिक्षा राष्ट्र के निर्माण में मदद करती है। इससे द्वारा जाति, धर्म, भेदभाव को आश्रय नहीं मिलता है। शिक्षा के द्वारा देश के नागरिक एकता के लिए सूत्र में बंधे रहते हैं। शिक्षित नागरिक राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझते हैं और उनका निर्वाहन करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। देश में सामाजिक कुरीतियों रूढ़िवादी, अन्धविश्वासों और अन्तर्राष्ट्रीय विचारों का अन्त करना है तो शिक्षा बहुत आवश्यक है।
राष्ट्रीय एकता का महत्व
देश को गुलामी, विघटनकरी तत्व और साम्प्रदायिक दंगों से बचाने के लिए देश में राष्ट्रीय एकता का होना बहुत आवश्यक है। अंग्रेजों ने हमारे देश पर 200 से भी अधिक साल तक राज किया। ब्रिटिश साम्राज्य का नारा था फूट डालो और राज करो। अंग्रेज भलीभांति जानते थे कि उनकी यह नीति हम पर काम करेगी और उन्होंने ऐसा ही किया।
एकता में बहुत शक्ति है जब सभी लोग एकजुट होकर ब्रिटिश सरकार के खिलाप आन्दोलन शुरू कर दिया तो अंग्रेजो को भारत छोड़कर भागना पड़ा। अतः हमें राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना चाहिए। राष्ट्रीय एकता समाज के हर वर्ग को एकजुट होने की प्रेरणा देता है। यह देश के सभी नागरिक के लिए एक समान अवसर प्रदान करता है जिससे सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राष्ट्र निर्माण में एक समान योगदान रहे है।
राष्ट्रीय एकता का उद्देश्य
राष्ट्रीय एकता मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच भाईचारा और बेहतर वातावरण प्रदान करना है। राष्ट्रीय एकीकरण की मदद से एक देश की स्थिरता और इसके संपूर्ण विकास में मदद मिलती है। भारत एक विशाल देश है जहाँ पर कई धर्म, जाति, बहुभाषी लोग रहते हैं, राष्ट्रीय एकता सभी वर्ग के लोगो को बांधने में सहायक होता है और सभी लोग देश को विकासशील बनाने में अपना योगदान देते हैं।
हर भारतीय को विविधता में एकता के वास्तविक अर्थ को समझना चाहिए। सभी लोगो को आपसी मतभेद को दूर करके बिना किसी राजनीतिक और सामाजिक विरोधाभास के शांति पूर्ण ढंग से एक दूसरे के साथ देना चाहिए चाहिए और राष्ट्र निर्माण में सहयोग प्रदान करना चाहिए। हमारे देश का पूर्ण विकास करने के लिए राष्ट्रीय एकता का होना बहुत आवश्यक है।
राष्ट्रीय एकता पर 10 लाइन
- राष्ट्रीय एकता दिवस भारत में हर साल 19 से 25 तक नवंबर तक एक सप्ताह मनाया जाता है।
- राष्ट्रीय एकता का मुख्य उद्देश राष्ट्र के सभी लोगो को एक जुट करना है।
- राष्ट्रीय एकता सबसे बड़ा उदाहरण हमारा देश भारत है जहाँ पर एक साथ सभी धर्म के लोगो सुख-शान्ति से रहते हैं।
- राष्ट्रीय एकता लोगो के बीच भाईचारे और सद्भावना को जागृत करती है।
- राष्ट्रीय एकता लोगों को धर्म, जाति, ऊंच-नीच की भावना से मुक्त करती है।
- राष्ट्र को मजबूत और विकासशील बनाने के लिए राष्ट्रीय एकता बहुत आवश्यक है।
- भारत की आजादी में राष्ट्रीय एकता ने एक गतिशील भूमिका निभाई।
- राष्ट्रीय एकता असामाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ने में भूमिका अदा करती है।
- राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- राष्ट्रीय एकता सम्मान और जिम्मेदारी की भावना है जो देश के हर नागरिकों में एक-दूसरे के प्रति होनी चाहिए है।
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