भ्रष्टाचार पर निबंध – भ्रष्टाचार के गंभीर समस्या है जो दीमक की तरह खोखला कर रही है। आजकल हर जगह पर भ्रष्टाचार से संबंधित घटनाएं देखने को मिल रही है। लोगो को लगता है कि अगर वह सही रास्ता चुनेंगे तो उनका काम नहीं होगा या काम होने में बहुत समय लग जायेगा।
अपना काम जल्दी करवाने के लिए रोग रिश्वत या घूस देते हैं। आजकल हर जगह पर रिश्वतखोर हैं पैसे लेकर छात्रों को पास कर देते है और ऐसे छात्रों को नौकरी भी मिल जाती है जबकि उनसे ज्यादा पढ़े-लिखे छात्र इधर-उधर धक्के खाकर धूमते रहते हैं।
हमारे देश की राजनितिक प्रणाली भ्रष्टाचार में लिप्त है। यहाँ के ज्यादातर नेता, मंत्री अशिक्षित है। ऐसे भ्रष्ट पैसा देकर लोगो से वोट खरीदते हैं और झूठे वादे करके चुनाव जीत जाते है। अगर देश और राज्य की बागडोर ऐसे भ्रष्टाचार नेताओं के हाथों में होगी, तो देश की उन्नति और विकास का सपना एक सपना बनकर ही रह जाएगा।
हमारे देश में भ्रष्टाचार की बीमारी आज से नहीं बल्कि कई सदियों से चली आ रही है और यह दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जहाँ पर ज़्यादातर लोग बेईमानी और चोरी का रास्ता चुन रहे है। कोर्ट में वकील और झूठे गवाह पेश करके अपराधी को छुडवा लिया जाता है। लोग अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं।
भ्रष्टाचार का अर्थ
भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिलकर बना है “भ्रष्ट+आचार” यहाँ पर भ्रष्ट कर अर्थ होता है “बुरा” और आचार कर अर्थ होता है “आचरण” अर्थात ऐसा आचरण जो बुरा हो। जब कोई व्यकित अपने स्वार्थ या मतलब को पूरा करने के लिए नैतिक मूल्यों का हनन करता है तो उसे भ्रष्टाचार कहा जाता है।
भ्रष्टाचार कईं अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। कोई काला-बाजारी, जमाखोरी, चोरी, रिश्वतखोरी , गरीबों का पैसा हङपना, चुनाव में धांधली करना, टैक्स की चोरी करना, शिक्षा और नौकरी में घूसखोरी, ग्वाला का दूध में पानी मिलाकर भ्रष्टाचार करना आदि।
भ्रष्टाचार एक ऐसा रोग है जो मनुष्य के अंदर की मानवीयता को समाप्त कर रहा है। उनके अन्दर की सच्चाई और भाईचारा समाप्त हो चुकी है। बस सभी को ज्यादा से ज्यादा धन की आवश्यकता है। फिर चाहे सरकारी संस्था हो या गैर-सरकारी संस्था हर जगह पर लोग अपनी ताकत और पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसका प्रभाव व्यक्ति के विकास के साथ-साथ समाज और राष्ट्र पर पड़ता है। जब तक भ्रष्टाचार की जड़ को समाप्त नहीं किया जाएगा तब तक राष्ट्र के प्रगति और विकास में बाधा बना रहेगा है।
भ्रष्टाचार के कारण
भ्रष्टाचार के निम्लिखित कारण हो सकते हैं –
- भ्रष्टाचार को क़ानून का कोई दर नहीं क्योंकि यहाँ का क़ानून कमजोर है। अगर कोई भ्रष्टाचार व्यक्ति पकड़ा भी जाता है तो वह घूस खिलाकर फिर बाहर हो जाएगा।
- ज्यादातर लोग लोभ और स्वार्थ में आकर भ्रष्टाचार करते हैं। ये लोग अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए लाचार और बेसहारा लोगों का हक छिनने से जरा सा भी नहीं कतरातें।
- आजकल सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्ठा पाने की होङ-सी लगी हुई है। इसलिए कोई भी व्यक्ति इस प्रतिष्ठा को पाने के लिए पीछे नहीं हटता और भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं।
- कई कर्मचारी ऐसे भी होते है जिनकी वेतन बहुत कम होती है और इस कमी को पूरा करने के लिए भ्रष्टाचार करते हैं।
- नेता और अधिकारीयों के बीच में सांठ-गाँठ होती है और फिर ये लोग मिलकर भ्रष्टाचार करते हैं।
- देश की बढ़ती हुई जनसँख्या भी भ्रष्टाचार का एक कारण है। इतनी जनसँख्या होने से सभी लोगो को सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता और इन्ही सेवाओं को पाने के लिए लोग रिश्वत देने के लिए तैयार रहते हैं।
- नेता लोग चुनाव जीतने के लिए खूब सारा पैसा खर्च करते हैं। चुनाव जीतने के बाद अलग-अलग तरीकों से इसकी भरपाई करते हैं, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है।
- देश में भ्रष्टाचार जागरूकता का आभाव है। लोग भ्रष्टाचार के खिलाप शिकायत नहीं करते हैं, इसका विरोध न होने से भ्रष्टाचार और बढ़ता है।
- देश में पारदर्शिता का आभाव है। चीजें गोपनीय होने से कर्मचारी सब कुछ छुपा लेते हैं।
- शासन और प्रसाशन द्वारा भ्रष्टाचारियों के खिलाप कार्यवाही न होने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है।
भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निम्लिखित उपाय किये जा सकते हैं
- संसद व राज्य विधायिका द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाप कोई ठोस कानून बनाया जाए।
- भ्रष्ट लोगो पर तुरंत कार्रवाई होना चाहिए।
- कर्मचारियों का समय समय पर उनके कार्य की समीक्षा होना चाहिए , ताकि पता चले कौन क्या और कैसा कार्य कर रहा है।
- सरकारी व गैर सरकारे संस्थानो में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए।
- भ्रष्टाचार के खिलाप जन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि जनता भ्रष्टाचार की भागीदार न बने और हर जगह इसका विरोध करें।
- उन सभी लोगों पर भी कार्यवाही होना चाहिए जो भ्रष्टाचारियों का साथ देते हैं।
भ्रष्टाचार पर निबंध 10 लाइन
- जो व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए अनैतिक कार्यो को करता है, उसे भ्रष्टाचारी कहते है।
- भष्टाचार से समाज और राष्ट्र का पतन होता है।
- भ्रष्टाचार पूरे देश को दीमक की धीरे-धीरे ख़त्म कर रहा है।
- भ्रष्टाचार बढ़ने का प्रमुख कारण जनसंख्या वृद्धि और बेरोजगारी है।
- भष्टाचार के कारण ही देश मे गरीबी बढ़ती जा रही है।
- भ्रष्टाचार अलग-अलग तरीकों से किया जाता है जैसे चुनाव में धांधली करना, गलत तरीके से पैसे कमाना, घूसखोरी, जमाखोरी और कालाबाजारी।
- भ्रष्टाचार के लिए ज्यादातर देश के राजनेता और सारकारी अफसर ज़िम्मेदार होते हैं।
- देश में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं हैं जहाँ पर भ्रष्टाचार न हो।
- भ्रष्टाचार के खिलाप सरकार को कड़ा कानून लागू करना है।
- इस क़ानून के तहत भ्रष्टाचारियों पर तुरंत कार्यवाही होना चाहिए।
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