पर्यावरण पर निबंध – पर्यावरण मानव जीवन के लिए बहुत महत्त्व रखता है। पर्यावरण पर सिर्फ मनुष्य ही आश्रित नहीं है, बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि सभी निर्भर हैं। जो हमारे चारों ओर विद्धमान है वही पर्यावरण है। पर्यावरण के बिना जीवन यापन कारण असंभव है।
पर्यावरण में वो सभी प्राकृतिक संसाधन सम्ल्लित होते हैं जीवों के लिए बहुत जरुरी होता है। पानी, हवा, भूमि, प्रकाश, आग आदि सभी पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं। पृथ्वी ही एक मात्र ग्रह है जिस पर जीवन यापन करना संभव है और जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए पर्यावरण बहुत आवश्यक है।
हम सभी लोगों ने पर्यावरण के संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल किया है। आज हमने जो भी तरक्की की है उसके पीछे पर्यावरण का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पर्यावरण हमें सब कुछ प्रदान करता है जो पृथ्वी पर जीवन यापन करने के लिए जरुरी है।
पर्यावरण का अर्थ
पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परि + आवरण। यहाँ पर परि का अर्थ होता है चारो ओर और आवरण का मतलब है ढका हुआ अर्थात जो हमे चारों ओर से घेरे हुए है। ऐसा वातावरण जो हमें चरों ओर से घेरे हुए है पर्यावरण कहलाता है।
मिट्टी, पानी, हवा, आग और प्रकाश पर्यावरण के मुख्य घटक हैं, जिन्हें पंचतत्व भी कहा जाता है। पर्यावरण हम सभी के जीवन को नियंत्रित करता है और सभी जीव पर्यावरण में रह कर ही अपना जीवन यापन करते हैं।
पर्यावरण के प्रकार
पर्यावरण के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं –
1. प्राकृतिक पर्यावरण
ऐसे संसाधन जो हमें प्रकृति से प्राप्त होते है जिनमे मानव जीवन का कोई हाथ नहीं होता है प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत आने वाले संसाधन जैसे जल, हवा, रेगिस्तान, पर्वत, जंगल, गुफा, मरुस्थल, समुद्र आदि चीजें शामिल हैं।
प्राकृतिक पर्यावरण पृथ्वी के सभी जीव गतिविधि को प्रभावित करता हैं। प्राकृतिक पर्यावरण के द्वारा पृथ्वी पर अनेक प्रकार की गतिवितियाँ होती हैं। ये सभी हमारे जीवन के क्रियाकलापों और विकास के स्वरूप पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालते हैं।
2. मानव निर्मित पर्यावरण
प्राकृतिक पर्यावरण के विपरीत मानव द्वारा निर्मित मानव निर्मित पर्यावरण होता है। यातायात के साधन, अन्तरिक्ष स्टेशन, खेत , कृत्रिम झील, बांध, इमारतें, सड़क, पुल, पार्क, बगीचे, उद्योग, कल-कारखाने आदि सभी मानव निर्मित पर्यावरण है।
मनुष्य ने अपना जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए नए-नए आविष्कार कर रहा है। यातायात के साधन होने से पूरी दुनिया के लोगों का आपसी संपर्क बढ़ गया। अब हम लोगो ने दूसरे ग्रहों पर भी जीवनयापन की खोज शुरू कर दी है।
पर्यावरण का महत्व
पर्यावरण सभी जीवों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पृथ्वी हमारे सौरमंडल का एक मात्र ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। पर्यावरण सभी जीवो के लिए आवश्यक सभी वस्तुएं और सुरक्षा प्रदान करता है। पर्यावरण हमें हवा, पानी, प्रकाश आदि चीजें प्रदान करता है जिसका उपभोग धरती के सभी जीव-जंतु कर रहा है।
आज मनुष्य ने दुनिया में खूब विकास कर लिया है तो दूसरी तरफ पर्यावरण को नुकसान पहुचा रहा है। मनुष्य अपने फायदे के लिए पेड़-पौधे की कटाई कर रहा है और प्राकृतिक संसाधनों को लगातार नष्ट कर रहा है जिसके परिणाम स्वरुप आज कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है जैसे ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण जैसी कई समस्याएं शामिल है।
आज विज्ञान ने भले ही बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन प्रकृति ने जो संसाधन हमे उपलब्ध किया है, उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है। इसलिए मनुष्य को पर्यावरण के महत्व को समझना चाहिए और पर्यावरण को बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
पर्यावरण प्रदूषण
आज के आधुनिक युग के में मानव जितनी तरक्की कर रहा है उतना ही पर्यावरण को नुकसान पहुचा रहा है जिससे पर्यावरण प्रदूषण फ़ैल रहा है। लगातार पेड़ो की कटाई होने से जंगल समाप्त होते जा रहे हैं। इसका सीधा असर जंगल में रहने वाले प्राणियों के जीवन पर पड़ रहा है। जंगली जीव धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं। जंगलो की कटाई होने से कई प्राणियों बेघर हो रहे है और यहाँ वहाँ भाग रहे हैं।
शेर, चीता, हाथी जैसे घातक जंगली जानवर ग्रामीण क्षेत्रों में घुस रहे हैं और वहां रहने वाले लोगो को हानि पंहुचा रहे हैं। आजकल नदी और समुद्र तटों की सफाई न हो होने से जल प्रदूषण हो रहा है। जल प्रदूषित होने के कारण कई बीमारियां फैलती हैं जैसे हैजा, पेचिस, अतिसार, पीलिया, क्षय रोग आदि।
वाहनों और कारखानो से निकलने वाला धुँआ वायु को प्रदूषित कर रहा है जिसके कारण कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियाँ होती हैं जैसे खांसी ,दमा ,जुकाम ,निमोनिया, फेफड़े का संक्रमण, रक्त क्षीणता, उच्च रक्तचाप ,ह्रदय रोग आदि। शहरीकरण और आधुनिकीकरण पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण हैं। मनुष्य बिना सोचे समझे लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुचा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण को स्वच्छ व साफ-सुथरा रखना चाहिए। पेड़ पौधों को काटने से रोकना चाहिए। ऐसे नियम बनाने चाहिए जिनसे ज़हरीले और दूषित करने वाले पदार्थ नियंत्रित किए जा सकें। रासायनिक खादों , कीटनाशक पर नियंत्रण करके कर मृदा प्रदूषण को कम करने का प्रयास करना चाहिए है।
वाहनों और कारखानों से निकलने वाले धुएं की जांच होनी चाहिए। इसलिए लिए सरकार को उचित व्यवस्था करनी चाहिए और समय-समय पर चेकिंग होना चाहिए। मनुष्य की इच्छाएं असीमित है लेकिन प्राकृतिक संसाधन सीमित है इसलिए इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में करना चाहिए।
बढती हुई जनसँख्या हमारे पर्यावरण के प्रदूषण का भी एक मुख्य कारण है। मनुष्य जिस गति से प्राकृतिक संसाधनो का उपभोग कर रहा है ऐसा लग रहा है कि आने वाले विगत वर्षो में इन संसाधनो की कमी हो सकती है।
पर्यावरण पर 10 लाइन
- हमारे चारों ओर फैले हुआ वातावरण पर्यावरण कहलाता हैं।
- पर्यावरण के मुख्य रूप से पाँच घटक होते हैं मृदा, पानी, हवा, आग और प्रकाश।
- पर्यावरण हमें जीवनयापन करने के लिए संसाधन और सुरक्षा उपलब्ध करता है।
- पर्यावरण से हमें भोजन, ऑक्सीजन और पीने के लिए पानी मिलता है।
- पर्यावरण दिवस हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है।
- पर्यावरण के दूषित होने से मनुष्य और अन्य जीवो को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए।
- धुंआ, कचरा और हानिकारक रसायनिक पदार्थ पर्यावरण को प्रदूषित करते है।
- पर्यावरण को बचाने के लिए हमे वृक्षरोपण करना चाहिए।
- पर्यावरण को बचाने के लिए नदी, समुद्र तटों और अपने आसपास सफाई करनी चाहिए।
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