विद्यार्थी जीवन पर निबंध – विद्यार्थी जीवन बाल्यकाल से शुरू हो जाता है और यह बहुत संघर्ष शील होता है। इसी विद्यार्थी जीवन काल में विद्यार्थी का आने वाला भविष्य निर्भर करता है। इस समय जो विद्यार्थी पूरी लगन और निष्ठा के साथ अच्छी शिक्षा ग्रहण करते हैं वही आगे चलकर अपने जीवन में खुशहाल और आरामदायक ज़िन्दगी जीते हैं।
विद्यार्थी जीवन एक मकान की नीव की तरह होता है। जैसे किसी मकान की नींव जितनी मजबूत होगी उतना ही मजबूत घर बनेगा। ठीक इसी प्रकार से एक विद्यार्थी के शुरुआती जीवनकाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। अगर वह सही ढंग और एकाग्रचित होकर होकर ज्ञान अर्जित करते हैं तो उनका संपूर्ण भविष्य बाहें फैलाए खड़ा रहता है और जीवन में आने वाली हर चुनौतियों का सामना आसानी से कर लेते हैं।
विद्यार्थी जीवन क्या है – What is Vidyarthi Jeevan
विद्या को प्राप्त करने वाला जीवन को विद्यार्थी जीवन कहलाता हैं। एक विद्यार्थी का जीवन बहुत त्याग और कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरता है। इस जीवनकाल में जब विद्यार्थी पूरी विनम्रता और श्रद्धा भाव से विद्या अर्जित करता है तो आगें उसकी राहें आसान हो जाती हैं।
विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही गलत, पुण्य-पाप, धर्म- अधर्म,वैध अवैध, नैतिक अनैतिक, व्यवहार दुर्व्यवहार, सुख-दु:ख, हानि-लाभ के फर्क को भली-भाति सिखाया जाता है। विद्यार्थी जीवन में वह धैर्य, साहस, ईमानदारी, लगनशीलता, गुरुभक्ति, स्वाभिमान जैसे गुणों को अपने जीवन में उतारता है और अपने जीवन पथ आगे पर बढ़ता ही चला जाता है ।
पहले समय में बच्चों को ज्ञान अर्जित करने के लिए ऋषि मुनियों के आश्रम भेज दिया जाता था। लेकिन अब बच्चों को विद्यालय भेजा जाता है। विद्यालय में बच्चें को नए शिक्षक, नए मित्र और नया वातावरण मिलता है । और उसे किताबी ज्ञान के साथ-साथ समाजिक ज्ञान भी मिलता है ।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व – Importance of Discipline in Students life in Hindi
विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है। विद्यार्थी अनुशासन को अपनाकर ना सिर्फ सफलता हासिल करता है बल्कि आगे जाकर एक अच्छा और आदर्श नागरिक बनता है। जब भी कोई बच्चा स्कूल में प्रवेश करता है तो उसे सबसे पहले अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है जिसमे उसे बड़ों का सम्मान करना, सत्य वचन बोलना, अपने कार्यों को स्वयं से करना, अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना आदि गुण सिखाये जाते हैं।
विद्यार्थी जीवन में अनुशासन दो प्रकार के होते है। पहला – जब कोई विद्यार्थी दूसरों को देखकर या किसी महान विभूति के जीवन से प्रेरणा लेकर सीखता है तो उसे प्रेरित अनुशासन कहते हैं। और दूसरा- जब हम अपनी अंतर आत्मा से सीखते हैं उसे आत्म-अनुशासन कहते हैं।
अनुशासन विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ सकारात्मक दृष्टिकोण से लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करता है। एक अनुशासित छात्र अपने जीवन में कभी विचलित नहीं होता है फिर चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। अनुशासित विद्यार्थी अपने परिवार और शैक्षणिक संस्थान का गौरव होता है, जिसे हर जगह सम्मान मिलता है।
विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व – Importance of Time in Students life in Hindi
विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्व होता है। अगर विद्यार्थी ने समय का सदुपयोग करना सीख जाता है तो वह अपने जीवन में अपने लक्ष्य को जरुर हासिल कर लेता है। इसके विपरीत जो इसके विपरीत जो विद्यार्थी समय का सदुपयोग नहीं करते या समय बर्बाद करते हैं उन्हें असफलताओं का सामना करना पड़ता हैं।
विद्यार्थियों को अपना कार्य करने के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करना चाहिए। और उसी समय पर कार्य को समाप्त कर लेना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में समय बहुत मूल्यवान होता है इसलिए खाने-पीने, खेलने-कूदने, सोने-जागने और पढने के लिए अपने समय को व्यवस्थित करना चाहिए।
आज खेल लें और कल पढ़ लेंगे ऐसा कभी नहीं होना चाहिए कि या जब परीक्षा आयेगी तब पढ़ लेंगे, विद्यार्थियों थोड़ा-थोड़ा करके रोजाना निरंतर अभ्यास करना चाहिए। खाली समय का भी ऐसा उपयोग करना चाहिए जो आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करे।
विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व – Importance of Sports in Students life in Hindi
विद्यार्थी जीवन में खेल का बहुत बड़ा योगदान होता है। स्चूलों में विद्यार्थियों को कई तरह के खेल-खिलाये जाते हैं जैसे क्रिकेट, कबड्डी, बैडमिंटन आदि। खेल-खेलने से हमारे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है और शरीर स्वस्थ रहता है। जीवन में सफलता हासिल करने के लिए शरीर का स्वस्थ रहना बहुत आवश्यक होता है।
सभी विद्यार्थियों अपनी दिनचर्या में कोई न कोई खेल जरुर खेलना चाहिए। खेल-खेलने से उदासी, बेचैनी दूर हो जाती है और मन प्रफुल्लित हो जाता है। जिसके बाद पढाई और अन्य कार्य करने में मन लगने लगता है। लेकिन खेलकूद, पढाई और अन्य गतिविधियों का समय निर्धारित होना चाहिए। मतलब खेल के समय खेल और पढाई के समय पढाई होना चाहिए।
मनुष्य अपने जीवनकाल के हर पढ़ाव में कुछ न कुछ जरुर सीखता है। विद्यार्थी भी खेल के मैदान में बहुत कुछ सीखता है। खेल हमें सच्चे खिलाड़ी की अहमियत बताते है। कई बार सफलता मिलने पर हम फूले नहीं समाते हैं तो कई बार असफलता का सामना करना पड़ता है। खेल में हार और जीत चलती है इसलिए हमेशा संतुलित रहना चाहिए।
विद्यार्थी जीवन पर निबंध 10 लाइन में
- विद्यार्थी जीवन बहुत ही संघर्ष शील होता है।
- विद्यार्थी जीवन बाल्यकाल से ही शुरू हो जाता है।
- विद्या को प्राप्त करने वाला जीवन विद्यार्थी जीवन कहलाता हैं।
- विद्यार्थी जीवन में अनुसासन का बहुत बड़ा महत्त्व होता है।
- विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही गलत, वैध अवैध, नैतिक अनैतिक, व्यवहार दुर्व्यवहार के फर्क को समझाता है।
- विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी ने समय का सदुपयोग करना सीख जाता है।
- विद्यार्थी जीवन में उसके अंदर सदाचार, गुरुभक्ति, अध्यवसाय, विनयशीलता, ईमानदारी, देश भक्ति, निःस्वार्थभाव आदि गुण आ जाते है।
- विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी का उद्देश्य ज्ञान अर्जित करना होता है।
- विद्यार्थी जीवन किसी मकान की नींव की तरह होता है।
- विद्यार्थी जीवन काल में पढ़ाई के साथ ही खेलों का भी अधिक महत्व है।
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